Discover millions of ebooks, audiobooks, and so much more with a free trial

Only $11.99/month after trial. Cancel anytime.

自制心を養う方法: 誘惑と闘い、長期目標を達成するには
自制心を養う方法: 誘惑と闘い、長期目標を達成するには
自制心を養う方法: 誘惑と闘い、長期目標を達成するには
Ebook140 pages1 hour

自制心を養う方法: 誘惑と闘い、長期目標を達成するには

Rating: 0 out of 5 stars

()

Read preview

About this ebook

自制心を養って誘惑と闘い、長期目標を達成するには

人生を前向きに変えて長期目標を達成したいのなら、自制心を高める方法を学ぶのが一番です。

自制心と意志力に関する興味深い事柄が科学研究により数多く発見されていますが、その大半が長々とした退屈な科学論文の奥底に埋もれています。

それを実際に読まずにこうした研究結果を日々の生活の中で生かしたいのなら、本書がお勧めです。あなたに代わり、自制心を高める上で役立つ最も貴重かつ有益な科学的発見をお調べしました。

以下は本書で学べる内容のほんの一部です:

- なんと、顔にレモン汁を塗った銀行強盗から自制心について学べます。かなり笑える話ですが、その裏に隠された真実により、自分の衝動を抑える力について考えさせられるでしょう。

-どうしても諦めたくなった時に、5,000円のチョコレートバーがどのように継続の励みになるのでしょう。

- オバマ前大統領がグレーかブルーのスーツのみを着ているのはなぜでしょう。それが自制心とどう関係しているのでしょう(また、貧しい人が貧しいままでいる理由かもしれません)。

- 一般的な視覚化方法が、実際に目標達成を妨げ、自制心を破壊する(またはすべき課題を台無しにする)場合があるのはなぜでしょう 。

- ドーパミンとは何でしょう。その悪い習慣を撃退して良い習慣を生み出す役割を理解することが非常に大切なのはなぜでしょう。

- 自制心を鍛えるための5つの実践法をご紹介します。自制心を高めるための要となる方法をいくつか知り、目先の満足をより上手に拒めるようになりましょう。

- 現状維持バイアスが目標を脅かすのはなぜでしょう。それが決意に及ぼす影響を軽減するにはどうすればよいでしょう。

- 過激なダイエットが長期的な効果を得るのに役立つのはなぜでしょう。この発見を日常生活にどのように生かせるでしょう。

- いつどうして、さぼることが自制心を養うのに実際に役立つのでしょう。そう、(時々)好きなものを好きなだけ食べても減量できるのです。

詳細な「理由」(わかりにくく退屈な研究記述)ではなく、「方法」についてご紹介します。これを実践することに決めた時、人生が変わります。

あなたも自制の達人になり、誘惑と闘う術を身につけられます。あなたの長期目標にはそれだけの価値があります。ぜひ、今すぐ本書をご購入ください。

Language日本語
Release dateMar 3, 2017
ISBN9781386391852
自制心を養う方法: 誘惑と闘い、長期目標を達成するには

Related to 自制心を養う方法

Related ebooks

Reviews for 自制心を養う方法

Rating: 0 out of 5 stars
0 ratings

0 ratings0 reviews

What did you think?

Tap to rate

Review must be at least 10 words

    Book preview

    自制心を養う方法 - Martin Meadows

    विषय सूची

    प्रस्तावना: जीवन तब आसान हो  जाता है जब आप इसे कठिन रूप से जीते हैं

    अध्याय 1: आत्म-अनुशासन के मूल सिद्धांत

    अध्याय 2: आपका ‘क्यों’ क्या है?

    अध्याय 3: डोपामाइन – मित्र भी, शत्रु भी

    अध्याय-4:अपने अनुशासन को प्रशिक्षित करने के 5 व्यावहारिक तरीके

    अध्याय-5:आत्म-अनुशासन (या इसकी कमी) संक्रामक है

    अध्याय 6: 7 जाल जो आपके आत्म-अनुशासन को चुनौती देते हैं

    अध्याय 7: अनुशासन में रहने के लिए 7 अतिरिक्त उपाय व सुझाव

    उपसंहार

    क्या आप मेरी सहायता कर सकते हैं?

    मार्टिन मीडोज के बारे में

    प्रस्तावना: जीवन तब आसान हो जाता है जब आप इसे कठिन रूप से जीते हैं

    साधारण व्यक्ति और सफल व्यक्ति के बीच दिखने वाला अंतर बहुधा जीवन में चुने गए कठिन विकल्पों के कारण पैदा होता है।

    अस्वास्थ्यकर खाना छोड़ने और अपने खाने की आदतो को बदलने का चुनाव. टीवी देखना छोड़कर पढ़ाई में समय व्यतीत करने का चुनाव. सफलता के आम लेकिन आनंदरहित मापदंडों के बजाय अपने सपनों की उड़ान को पंख देने की कोशिश करने का चुनाव. उस समय भी लड़ते रहने का चुनाव जब पांवों में खड़े रहने की भी शक्ति न हो.

    आत्म-अनुशासन वह उपाय है जो आपको आसान और आरामदायक चीज़ों से चिपके रहने की बजाय कठिन चीज़ों के चुनाव में मदद करेगा. कुछ पल आनंद देने वाली चीज़ों – जो सुरक्षित, सरल और सुखदाई हो - पर ही ध्यान देने वाले लोग शायद ही कभी अपने जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्यों को हासिल कर पाते हैं.

    तो अपने जीवन में आत्म-अनुशासन कैसे बनाया जाये? बड़ी उपलब्धियों को पाने के लिए छोटे-छोटे प्रलोभनों से कैसे बचा जाये? इन सब प्रश्नों के उत्तर आपको यहाँ, इस पुस्तक में मिलेंगे!

    वैसे तो, जबसे मुझे याद है, मैं एक बहुत ही अनुशासित किस्म का मनुष्य रहा हूँ (धन्यवाद, माँ!), फिर भी मैं अधिक जानकारी पाने तथा स्वयं को प्रलोभनों से बचाने के असरकारक तरीके जानने के लिए हमेशा लालायित रहता हूँ.

    मैंने एक बार खुद को 40 घंटों तक खाने से दूर रखा. दो महीनों तक मैं हर दिन दो बार 5-5 मिनट तक बर्फीले पानी के शावर के नीचे खड़ा रहा. मैंने एक सख्त डाइट शुरू की और केवल 12 हफ्ते में 13 किलो वज़न घटाया. न जाने कितनी बार मैं -4 डिग्री फैरनहाईट यानि -20 डिग्री सेल्सियस की हड्डियाँ तक जमा देने वाली ठंड में सिर्फ एक शॉर्ट्स पहनकर आधे घंटे तक दौड़ा हूँ. वेट लिफ्टिंग के इतने भारी वज़न उठाये कि आँखों के आगे तारे नाचते नज़र आने लगे. एक बार सिर्फ एक महीने में ही 100,000 शब्द लिख डाले (जिनसे 400 पन्नों का उपन्यास बन गया).

    लेकिन ये सब बेहूदा पागलपन मैं करता क्यों हूँ?

    जवाब बहुत ही सरल है, आपने जितना सोचा उससे कहीं ज्यादा सरल! नहीं, मैं कोई स्वपीड़न भोगी नहीं हूँ. मैं ऐसा करता हूँ, अपनी सीमायें परखने, और स्वयं पर अपना नियंत्रण बढ़ाने के लिए.

    इस बात में कहीं कोई संदेह नहीं कि एक सफल जीवन के लिए एक उच्च कोटी के आत्म-अनुशासन और सतत विकास से बढ़कर महत्वपूर्ण और कुछ भी नहीं है. इसलिए, मैं स्वयं को चुनौती देता हूँ. मैं देखना चाहता हूँ कि पूरे दो दिन भूखा रहने के बाद भी क्या मैं भोजन को देखकर स्वयं पर नियंत्रण रख सकता हूँ या फिर बर्फीली हवा से पैर सुन्न हो जाने के बाद भी क्या घर तक चलकर जा सकता हूँ.

    मेरे ये विचित्र प्रयोग मुझे स्वयं को बेहतर तरीके से समझ पाने में मदद करते हैं. ये मुझे आत्म-अनुशासन से सम्बंधित उपयोगी बातें सिखाते हैं – ऐसी बातें जिन्हें हर कोई सरलता से अपना सकता है.

    न, न, घबराइये मत, मैं आपको ये सब प्रयोग करने के लिए नहीं कह रहा हूँ (वैसे इनसे आपको कोई हानी नहीं होगी). अनुशासन कैसे काम करता है, यह जानने की उत्सुकता और उस जानकारी को अपने जीवन में लागू करना - अपने आप को परिवर्तित करने के लिए आपको बस इतना ही करना है.

    इस पुस्तक में आपको वह सब कुछ प्राप्त होगा जो आप जानना चाहते हैं – फिर चाहे वह आपके लिए नई डाइट का सख्ती से पालन करने का तरीका हो या अपने पूरे जीवन को बदल डालने का. 

    इस पुस्तक में दी गई अधिकतर जानकारियाँ वैज्ञानिक रिसर्च पर आधारित है और उन सबके लिंक पुस्तक के अंत में दिए गए हैं. मैंने हर रिसर्च और स्टडी के बारे में ज्यादा विस्तार से न लिखते हुए सिर्फ उसका सार देने की कोशिश की है. यानि मैं आपको हर बात के लिए ऐसा क्यों होता है के बोझिल करने वाले पचड़े में डालने के बजाय सिर्फ ऐसा कैसे होता है की ओर ले जाऊंगा ताकि आप कम-से-कम समय में इस पुस्तक से अधिक-से-अधिक लाभ उठा सकें.

    अध्याय 1: आत्म-अनुशासन के मूल सिद्धांत

    80/20 नियम कहता है कि 80% परिणाम 20% प्रयत्न से मिलते हैं. वास्तव में अभूतपूर्व परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको केवल एक बात जानने की आवश्यकता है.

    आत्म-अनुशासन भी इससे अलग नहीं है. इसका निचोड़ भी सिर्फ एक सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है – अपने व्यवहार को स्वचालित बनाना. अगर आप जीवन में नई आदतों को अपनाना सीख लें – ऐसी नई आदतें जो आपके लक्ष्य की प्राप्ति में बाधक प्रलोभनों के सामने आने पर स्वयं ही आपको उनसे दूर ले जाएँ – तो आपका मौजूदा आत्म-अनुशासन आपके लिए पर्याप्त है, इससे ज्यादा सीखने की कोई आवश्यकता ही नहीं.

    कल्पना कीजिये, आप डाइट पर हैं और कोई आपको चॉकलेट ऑफर करता है. आपका दीर्घकालीन लक्ष्य है, वज़न घटाना और ज्यादा स्वस्थ रहना. लेकिन सीधे आपकी आँखों में झांकता यह प्रलोभन – यह मजेदार स्वाद का खज़ाना –आपको ऐसे ललचाता है कि यदि इसे अभी नहीं खाया तो जैसे प्राण ही निकल जाएंगे.

    फिर भी आप स्वयं को रोकते हैं, उस इच्छा से संघर्ष करते हैं और ऑफर को ठुकरा देते हैं. लेकिन दो मिनट बाद (या शायद उसके पहले ही) चॉकलेट गायब! अगर खा ली तो ऐसा भी क्या संकट आ जाएगा – बस एक चॉकलेट ही तो है, इससे कौन सा भारी अंतर पड़ जायेगा, डाइटिंग पर? और फिर जब दोबारा कभी कोई आपको चॉकलेट देता है तो आप स्वयं को नहीं रोक पाते. शीघ्र ही डाइट-वाइट सब छूट जाती है और आप फिर से पहले की ही तरह भोजन करना शुरू कर देते हैं.

    ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपने अब तक उस चॉकलेट

    Enjoying the preview?
    Page 1 of 1