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बरसी मौत!
सीरिया से बाहि आई कुछ तस्वीिों ने पूिी दुननया का कलेजा छलनी कि निया है. चाि लाख
बिसते इन बमों को बिसाने वालों के ललए इस बात के कोई मतलब या मायने नहीं है नक बम
नकनके सीने पि फट िहे हैं. मिने वाले अपने ही बेगुनाह लोग हैं, बेबस औितें या मासूम बच्चे.
उन्हें कोई नफक्र नहीं. क्योंनक सािी लडाई कुसी की है. ताकत की है. सत्ता की है.
घोउटा शहर पर बरसी मौत : सीरिया के घोउटा शहि की आबािी चाि लाख है. इस शहि
पि पांच निन में 1146 बम नगिाए गए हैं. धमाके में साढे पांच सौ शहरियों की मौत हो चुकी है.
मिने वालों में 130 बच्चे भी शानमल हैं. घोउटा शहि मलबे में तब्दील हो चुका है. इसे सीरिय़ा
मासू म बच्चों को फमली मौत : भला कोई अपने ही शहि के सीने पि बम कैसे बिसा सिता
है? जबनक उसे पता है नक बारूि की आंखों पि पट्टी बंधी होती है. वो फटते वक्त ये नहीं
िे खती नक नकसके सीने पि फट िही है. वो फटने वक्त ये नहीं सुनती के धमाकों के शोि में
ममममम ममममममममममभी घुट िही हैं. पि क्या किें सत्ता, ससयासत औि ताकत ने ही
अ
ं धे िास्तों पि है.
सीरिया से पुकाि िही हैं. ये कह िही है नक सजन्हें हमािा मुहानफज़ होना चानहए. सजन पि हमािी
सजम्मेिािी फजज है, वही हमें घेि कि आसमान से मौत बिसा िहे हैं. तख्त की ज
ं ग में इंसानी
घोउटा में जाकर छिपे आतंकी : िाजधानी िनमश्क के नज़िीक घोउटा में नवद्रोनहयों औि
आतंकी स
ं गठनों ने आम लोगों की बस्ती का रुख नकया औि उनके बीच जाकि छुप गए.
बस नफि क्या था, सीरिया की सत्ता पि कानबज सिकाि औि उसके िोस्त मुल्क रूस ने नमल
पता नहीं पि महज पांच निन में साढे पांच सौ शहिी मािे गए. इनमें किीब 130 मासूम बच्चे
भी थे. इन हमले में मािे गए मासूम बच्चों के साथ-साथ मनहलाओं की भी बडी तािाि है.
किीब ढाई हज़ाि से ज़्यािा लोग घायल पडे हैं. मगि वो भी इलाज न नमलने से धीिे धीिे िम
िाष्ट्र ने 30 निन के सीज़ फायि यानी युद्ध नविाम पि सवजसम्मतत से मंज़ूिी िे िखी है. रूस
आईएसआईएस आतंकी अब आम लोगों को अपनी ढाल बना िहे हैं. ललहाज़ा घोउटा को
िहे सीरिया में घोउटा ही वो शहि है, जो अब नवद्रोनहयों का आलखिी गढ बना हुआ है. ललहाज़ा
मुल्क से नवद्रोनहयों का पूिी तिह से खात्मा किने के ललए असि की सेना ने कोहिाम मचा
िखा है. इस संघषज में नपछले तीन महीनों में किीब 1000 से ज़्यािा आम लोग मािे गए हैं.
ख
ं डहर बना शहर : कुल चाि लाख की आबािी वाले इस शहि में इतने बम बिसाए गए हैं नक
जज़
ं िगी पूिी तिह पटिी से उति चुकी है. हि तिफ तबाही, टू टी इमाितें, ख
ं डहि मकान, वीिान
नज़ि आ िहे हैं. बीमाि लोगों को भी शहि के बाहि जाने पि पाबंिी है.
ज ं दगी मौत से भी बदतर : सेना ने घोउटा को चािों तिफ से घेि िखा है. सजसके चलते
खाना, िाहत औि नकसी भी तिह की सप्लाई पि िोक है. नतीजा ये है नक खाने की कीमतें
आसमान पि पहुंच गई हैं. हमले में घायल लोगों को िवाएं तक मय्यसि नहीं है. कुल
होता.