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पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 (Environment (Protection) Act,

1986)
hindi.indiawaterportal.org/environment-protection-act-1986-hindi-pdf

(1986 का अिधिनयम सं यांक 29)

{23 मई, 1986}

पयावरण के संर ण और सुधार का और उनसे स बि धत िवषयों का उपब ध करने के िलये अिधिनयम

संय ु त रा के मानवीय पयावरण स मेलन म, जो जून, 1972 म टाकहोम म हुआ था और िजसम भारत ने भाग िलया
था, यह िविन चय िकया गया था िक मानवीय पयावरण के संर ण और सुधार के िलये समुिचत कदम उठाए जाएँ;

यह आव यक समझा गया है िक पूवो त िनणयों को, जहाँ तक उनका स ब ध पयावरण संर ण और सुधार से तथा मानवों,
अ य जीिवत पािणयों, पादपों और स पि को होने वाले पिरसंकट के िनवारण से है, लागू िकया जाये;

भारत गणरा य के सतीसव वष म संसद ारा िन निलिखत प म यह अिधिनयिमत हो:-

अ याय 1

पारि भक

1. संि त नाम, िव तार और पार भ

(1) इस अिधिनयम का संि त नाम पयावरण (संर ण) अिधिनयम, 1986 है।


(2) इसका िव तार स पूण भारत पर है।
(3) यह उस तारीख को पवृ होगा, जो के दीय सरकार, राजप म अिधसूचना ारा, िनयत करे और इस अिधिनयम के
िभ न-िभ न उपब धों के िलये और िभ न-िभ न े ों के िलये िभ न-िभ न तारीख िनयत की जा सकगी।

2. पिरभाषाएँ

इस अिधिनयम म, जब तक िक स दभ से अ यथा अपेि त न हो, -

(क) “पयावरण” के अ तगत जल, वायु और भूिम ह और वह अ तरस ब ध है जो जल, वायु और भूिम तथा मानवों, अ य
जीिवत पािणयों, पादपों और सू मजीव और स पि के बीच िव मान है;
(ख) “पयावरण पदूषक” से ऐसा ठोस, दव या गैसीय पदाथ अिभपेत है जो ऐसी सा दता म िव मान है जो पयावरण के िलये
ितकर हो सकता है या िजसका ितकर होना स भा य है;
(ग) “पयावरण पदूषण” से पयावरण म पयावरण पदूषकों का िव मान होना अिभपेत है;
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(घ) िकसी पदाथ के स ब ध म, “हथालना” से ऐसे पदाथ का िविनमाण, पसं करण, अिभि या वयन, पैकेज, भ डारकरण,
पिरवहन, उपयोग, संगहण, िवनाश, स पिरवतन, िव य के िलये प थापना, अ तरण या वैसी ही संि या अिभपेत है;
(ङ) “पिरसंकटमय पदाथ” से ऐसा पदाथ या िनिमित अिभपेत है जो अपने रासायिनक या भौितक-रासायिनक गुणों के या
हथालने के कारण मानवों, अ य जीिवत पािणयों, पादपों, सू मजीव, स पि या पयावरण को अपहािन कािरत कर सकती है;
(च) िकसी कारखाने या पिरसर के स ब ध म , “अिध ठाता” से कोई ऐसा यि त अिभपेत है िजसका कारखाने या पिरसर
के कामकाज पर िनयं ण है और िकसी पदाथ के स ब ध म ऐसा यि त इसके अ तगत है िजसके क जे म वह पदाथ भी है;
(छ) “िविहत” से इस अिधिनयम के अधीन बनाए गए िनयमों ारा िविहत अिभपेत है।

अ याय 2

के दीय सरकार की साधारण शि तयाँ

3. के दीय सरकार की पयावरण के संर ण और सुधार के िलये उपाय करने की शि त

(1) इस अिधिनयम के उपब धों के अधीन रहते हुए, के दीय सरकार को ऐसे सभी उपाय करने की शि त होगी जो वह
पयावरण के संर ण और उसकी वािलटी म सुधार करने तथा पयावरण पदूषण के िनवारण, िनयं ण और उपशमन के िलये
आव यक समझे।

(2) िविश टतया और उपधारा (1) के उपब धों की यापकता पर पितकूल पभाव डाले िबना, ऐसे उपायों के अ तगत
िन निलिखत सभी या िक ही ं िवषयों के स ब ध म उपाय हो सकगे, अथात:-

(i) रा य सरकारों, अिधकािरयों और अ य पािधकरणों की, -

(क) इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िनयमों के अधीन; या


(ख) इस अिधिनयम के उ े यों से स बि धत त समय पवृ िकसी अ य िविध के अधीन, कारवाइयों का सम वय;

(ii) पयावरण पदूषण के िनवारण, िनयं ण और उपशमन के िलये रा यापी काय म की योजना बनाना और उसको
िन पािदत करना;

(iii) पयावरण के िविभ न आयामों के स ब ध म उसकी वािलटी के िलये मानक अिधकिथत करना;

(iv) िविभ न ोतों से पयावरण पदूषकों के उ सजन या िन सारण के मानक अिधकिथत करना:

पर तु ऐसे ोतों से पयावरण पदूषकों के उ सजन या िन सारण की वािलटी या सि म ण को यान म रखते हुए, िभ न-
िभ न ोतों से उ सजन या िन सारण के िलये इस ख ड के अधीन िभ न-िभ न मानक अिधकिथत िकये जा सकगे;

(अ) उन े ों का िनब धन िजनम कोई उ ोग, संि याएँ या पसं करण या िकसी वग के उ ोग, संि याएँ या पसं करण
नही ं चलाए जाएँगे या कु छ र ोपायों के अधीन रहते हुए चलाए जाएँगे;

(vi) ऐसी दुघटनाओं के िनवारण के िलये पि या और र ेपाय अिधकिथत करना िजनसे पयावरण पदूषण हो सकता है और
ऐसी दुघटनाओं के िलये उपचारी उपाय अिधकिथत करना;

(vii) पिरसंकटमय पदाथ को हथालने के िलये पि या और र ोपाय अिधकिथत करना;

(viii) ऐसी िविनमाण पि याओं, सामगी और पदाथ की परी ा करना िजनसे पयावरण पदूषण होने की स भावना है;

(ix) पयावरण पदूषण की सम याओं के स ब ध म अ वेषण और अनुस धान करना और पायोिजत करना;

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(x) िकसी पिरसर, संयं , उप कर, मशीनरी, िविनमाण या अ य पि या सामगी या पदाथ का िनरी ण करना और ऐसे
पािधकरणों, अिधकािरयों या यि तयों को, आदेश ारा, ऐसे िनदेश देना जो वह पयावरण पदूषण के िनवारण, िनयं ण और
उपशमन के िलये कारवाई करने के िलये आव यक समझे;

(xi) ऐसे कृ यों को कायाि वत करने के िलये पयावरण पयोगशालाओं और सं थाओं की थापना करना या उ ह मा यता
देना, जो इस अिधिनयम के अधीन ऐसी पयावरण पयोगशालाओं और सं थाओं को सौंपे जाएँ;

(xii) पयावरण पदूषण से स बि धत िवषयों की बाबत जानकारी एक करना और उसका पसार करना;

(xiii) पयावरण पदूषण के िनवारण, िनयं ण और उपशमन से स बि धत िनदिशकाएँ, संिहताएँ या पथ पदिशकाएँ तैयार
करना;

(xiv) ऐसे अ य िवषय, जो के दीय सरकार इस अिधिनयम के उपब धों का पभाव पूण काया वयन सुिनि चत करने के
पयोजन के िलये आव यक या समीचीन समझे।

(3) यिद के दीय सरकार इस अिधिनयम के पयोजनों के िलये ऐसा करना आव यक या समीचीन समझती है तो वह,
राजप म पकािशत आदेश ारा, इस अिधिनयम के अधीन के दीय सरकार को ऐसी शि तयों और कृ यों के (िजनके
अ तगत धारा 5 के अधीन िनदेश देने की शि त भी है) पयोग और िनवहन के पयोजनों के िलये और उपधारा (2) म िनिद ट
ऐसे िवषयों की बाबत उपाय करने के िलये जो आदेश म उि लिखत िकये जाएँ, पािधकरण या पािधकरणों का ऐसे नाम या
नामों से गठन कर सकेगी जो आदेश म िविनिद ट िकये जाएँ और के दीय सरकार के अधी ण और िनयं ण तथा ऐसे आदेश
के उपब धों के अधीन रहते हुए, ऐसा पािधकरण या ऐसे पािधकरण ऐसी शि तयों का पयोग या ऐसे कृ यों का िनवहन कर
सकगे या ऐसे आदेश म इस पकार उि लिखत उपाय ऐसे कर सकगे मानो ऐसा पािधकरण या ऐसे पािधकरण उन शि तयों
का पयोग या उन कृ यों का िनवहन करने या ऐसे उपाय करने के िलये इस अिधिनयम ारा सश त िकये गए हों।

4. अिधकािरयों की िनयुि त तथा उनकी शि तयाँ और कृ य

(1) धारा 3 की उपधारा (3) के उपब धों पर पितकूल पभाव डाले िबना, के दीय सरकार, इस अिधिनयम के पयोजनों के
िलये, ऐसे पदािभधानों सिहत ऐसे अिधकािरयों की िनयुि त कर सकेगी और उ ह इस अिधिनयम के अधीन ऐसी शि तयाँ
और कृ य सौंप सकेगी जो वह ठीक समझे।

(2) उपधारा (1) के अधीन िनयु त अिधकारी, के दीय सरकार के या यिद उस सरकार ारा इस पकार िनदेश िदया जाये
तो, धारा 3 की उपधारा (3) के अधीन गिठत पािधकरण या पािधकरणों, यिद कोई हों, के अथवा िकसी अ य पािधकरण या
अिधकारी के भी साधारण िनयं ण और िनदेशन के अधीन होंगे।

5. िनदेश देने की शि त

के दीय सरकार, िकसी अ य िविध म िकसी बात के होते हुए भी, िक तु इस अिधिनयम के उपब धों के अधीन रहते हुए, इस
अिधिनयम के अधीन अपनी शि तयों के पयोग और अपने कृ यों के िनवहन म िकसी यि त, अिधकारी या पािधकरण को
िनदेश दे सकेगी और ऐसा यि त, अिधकारी या पािधकरण ऐसे िनदेशों का अनुपालन करने के िलये आब होगा।

प टीकरण

शंकाओं को दूर करने के िलये यह घोिषत िकया जाता है िक इस धारा के अधीन िनदेश देने की शि त के अ तगत, -

(क) िकसी उ ोग, संि या या पि या को ब द करने, उसका पितषेध या िविनयमन करने का िनदेश देने की शि त है; या
(ख) िव तु या जल या िकसी अ य सेवा के पदाय को रोकने या िविनयमन करने का िनदेश देने की शि त है।

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1{5क. रा ीय हिरत अिधकरण को अपील

कोई यि त जो, रा ीय हिरत अिधकरण अिधिनयम, 2010 (2010 का 19) के पार भ होने पर या उसके प चात धारा
5 के अधीन जारी िक ही ं िनदेशों से यिथत है, वह रा ीय हिरत अिधकरण अिधिनयम, 2010 की धारा 3 के अधीन
थािपत रा ीय हिरत अिधकरण को, उस अिधिनयम के उपब धों के अनुसार, अपील फाइल कर सकेगा।}

6. पयावरण पदूषण का िविनयमन करने के िलये िनयम

(1) इस अिधिनयम के उपब धों के अधीन रहते हुए, के दीय सरकार, राजप म अिधसूचना ारा, धारा 3 म िनिद ट सभी
या िक ही ं िवषयों की बाबत िनयम बना सकेगी।

(2) िविश टतया और पूवगामी शि त की यापकता पर पितकूल पभाव डाले िबना, ऐसे िनयमों म िन निलिखत सभी या
िक ही ं िवषयों के िलये उपब ध िकया जा सकेगा, अथात:-

(क) िविभ न े ों और पयोजनों के िलये वायु, जल या मदृ ा की वािलटी के मानक;


(ख) िभ न-िभ न े ों के िलये िविभ न पयावरण पदूषकों की (िजनके अ तगत शोर भी है) सा दता की अिधकतम अनु ेय
सीमा;
(ग) पिरसंकटमय पदाथ के हथालने के िलये पि या और र ोपाय;
(घ) िभ न-िभ न े ों म पिरसंकटमय पदाथ के हथालने पर पितषेध और िनब धन;
(ङ) िभ न-िभ न े ों म पि या और संि याएँ चलाने वाले उ ोगों के अव थान पर पितषेध और िनब धन;
(च) ऐसी दुघटनाओं के िनवारण के िलये िजनसे पयावरण पदूषण हो सकता है और ऐसी दुघटनाओं के िलये उपचारी उपायों
का उपब ध करने के िलये पि या और र ोपाय।

अ याय 3

पयावरण पदूषण का िनवारण, िनयं ण और उपशमन

7. उ ोग चलाने, संि या, अ◌ािद करने वाले यि तयों ारा मानकों से अिधक पयावरण पदूषकों का
उ सजन या िन सारण न होने देना

कोई ऐसा यि त, जो कोई उ ोग चलाता है, या कोई संि या या पि या करता है, ऐसे मानकों से अिधक, जो िविहत िकये
जाएँ, िकसी पयावरण पदूषक का िन सारण या उ सजन नही ं करेगा अथवा िन सारण या उ सजन करने की अनु ा नही ं
देगा।

8. पिरसंकटमय पदाथ को हथालने वाले यि तयों ारा पि या स ब धी र ोपायों का पालन िकया


जाना

कोई यि त िकसी पिरसंकटमय पदाथ को ऐसी पि या के अनुसार और ऐसे र ोपायों का अनुपालन करने के प चात ही,
जो िविहत िकये जाएँ, हथालेगा या हथालने देगा, अ यथा नही ं।

9. कु छ मामलों म पािधकरणों और अिभकरणों को जानकारी का िदया जाना

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(1) जहाँ िकसी दुघटना या अ य अप यािशत काय या घटना के कारण िकसी पयावरण पदूषक का िन सारण िविहत
मानकों से अिधक होता है या होने की आशंका है वहाँ ऐसे िन सारण के िलये उ रदायी यि त और उस थान का, जहाँ
ऐसा िन सारण होता है या होने की आशंका है, भारसाधक यि त, ऐसे िन सारण के पिरणाम व प हुए पयावरण पदूषण का
िनवारण करने या उसे कम करने के िलये आब होगा, और ऐसे पािधकरणों को या अिभकरणों को, जो िविहत िकये जाएँ, -

(क) ऐसी घटना के त य की या ऐसी घटना होने की आशंका की जानकारी तुर त देगा; और
(ख) यिद अपे ा की जाये तो, सभी सहायता देने के िलये आब होगा।

(2) उपधारा (1) म िनिद ट पकार की, िकसी घटना के त य की या उसकी आशंका के स ब ध म सूचना की पाि त पर,
चाहे ऐसी सूचना उस उपधारा के अधीन जानकारी ारा िमले या अ यथा, उपधारा (1) म िनिद ट पािधकरण या अिभकरण,
याव सा य शीघ, ऐसे उपचारी उपाय कराएँगे जो पयावरण पदूषण का िनवारण करने या उसे कम करने के िलये आव यक
ह।

(3) उपधारा (2) म िनिद ट उपचारी उपाय करने के स ब ध म िकसी पािधकरण या अिभकरण ारा उपगत यय, यिद कोई
हों, उस तारीख से जब ययों के िलये माँग की जाती है, उस तारीख तक के िलये जब उनका स दाय कर िदया जाता है,
याज सिहत (ऐसी उिचत दर पर जो सरकार, आदेश ारा, िनयत करे) ऐसे पािधकरण या अिभकरण ारा स बि धत यि त
से भू-राज व की बकाया या लोक माँग के प म वसूल िकये जा सकगे।

10. पवेश और िनरी ण की शि तयाँ

(1) इस धारा के उपब धों के अधीन रहते हुए, के दीय सरकार ारा इस िनिम सश त िकसी यि त को यह अिधकार
होगा िक वह सभी युि तयु त समयों पर ऐसी सहायता के साथ जो वह आव यक समझे िकसी थान म िन निलिखत
पयोजन के िलये पवेश करे, अथात:-

(क) उसे सौंपे गए के दीय सरकार के कृ यों म से िकसी का पालन करना;

(ख) यह अवधािरत करने के पयोजन के िलये िक या ऐसे िक ही ं कृ यों का पालन िकया जाना है और यिद हाँ तो िकस
रीित से िकया जाना है या या इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िनयमों के िक ही ं उपब धों का या इस अिधिनयम
के अधीन तामील की गई सूचना, िनकाले गए आदेश, िदये गए िनदश या अनुद पािधकार का पालन िकया जा रहा है या
िकया गया है;

(ग) िकसी उप कर, औ ोिगक संयं , अिभलेख, रिज टर, द तावेज या िकसी अ य सारवान पदाथ की जाँच या परी ा
करने के पयोजन के िलये अथवा िकसी ऐसे भवन की तलाशी लेने के िलये, िजसके स ब ध म उसके पास यह िव वास
करने का कारण है िक उसके भीतर इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िनयमों के अधीन कोई अपराध िकया गया है
या िकया जा रहा है या िकया जाने वाला है और ऐसे िकसी उप कर, औ ोिगक संयं , अिभलेख, रिज टर, द तावेज या
अ य सारवान पदाथ का उस दशा म अिभगहण करने के िलये, जब उसके पास यह िव वास करने का कारण है िक उससे
इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िनयमों के अधीन द डनीय िकसी अपराध के िकये जाने का सा य िदया जा
सकेगा अथवा ऐसा अिभगहण पयावरण पदूषण का िनवारण करने या उसे कम करने के िलये आव यक है।

(2) प येक यि त जो कोई उ ोग चलाता है, कोई संि या या पि या करता है या कोई पिरसंकटमय पदाथ हथालता है,
ऐसे यि त को सभी सहायता देने के िलये आब होगा, िजसे उपधारा (1) के अधीन के दीय सरकार ने उस उपधारा के
अधीन कृ यों को करने के िलये सश त िकया है और यिद वह िकसी युि तयु त कारण या पित हेत ु के िबना ऐसा करने म
असफल रहेगा तो वह इस अिधिनयम के अधीन अपराध का दोषी होगा।

(3) यिद कोई यि त उपधारा (1) के अधीन के दीय सरकार ारा सश त िकसी यि त को, उसके कृ यों के िनवहन म
ँ ाएगा तो वह इस अिधिनयम के अधीन अपराध का दोषी होगा।
जान-बूझकर िवल ब करेगा या बाधा पहुच

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(4) द ड पि या संिहता, 1973 (1974 का 2) के उपब ध या ज मू-क मीर रा य या िकसी ऐसे े म िजसम वह संिहता
पवृ नही ं है, उस रा य या े म पवृ िकसी त थानी िविध के उपब ध, जहाँ तक हो सके, इस धारा के अधीन िकसी
तलाशी या अिभगहण को वैसे ही लागू होंगे जैसे वे, यथाि थित, उ त संिहता की धारा 94 के अधीन या उ त िविध के
त थानी उपब ध के अधीन जारी िकये गए वारंट के पािधकार के अधीन की गई िकसी तलाशी या अिभगहण को लागू होते
ह।

11. नमूने लेने की शि त और उसके स ब ध म अनुसरण की जाने वाली पि या

(1) के दीय सरकार या उसके ारा इस िनिम सश त िकसी अिधकारी को िव लेषण के पयोजन के िलये िकसी कारखाने,
पिरसर या अ य थान से वायु, जल, मदृ ा या अ य पदाथ के नमूने ऐसी रीित से लेने की शि त होगी, जो िविहत की जाये।

(2) उपधारा (1) के अधीन िलये गए िकसी नमूने के िकसी िव लेषण का पिरणाम िकसी िविधक कायवाही म सा य म तब
तक गा नही ं होगा जब तक उपधारा (3) और उपधारा (4) के उपब धों का अनुपालन नही ं िकया जाता है।

(3) उपधारा (4) के उपब धों के अधीन रहते हुए, उपधारा (1) के अधीन नमूना लेने वाला यि त -

(क) इस पकार िव लेषण कराने के अपने आशय की सूचना की ऐसे पा प म जो िविहत िकया जाये, अिध ठाता या उसके
अिभकता या उस थान के भारसाधक यि त पर तुर त तामील करेगा;
(ख) अिध ठाता या उसके अिभकता या यि त की उपि थित म िव लेषण के िलये नमूना लेगा;
(ग) नमूने को आधान या आधानों म रखवाएगा िजसे िचि हत और सील ब द िकया जाएगा और उस पर नमूना लेने वाला
यि त और अिभ ठाता या उसका अिभकता या यि त दोनों ह ता र करगे;
(घ) आधान या आधानों को धारा 12 के अधीन के दीय सरकार ारा थािपत या मा यता पा त पयोगशाला को अिवल ब
भेजेगा।

(4) जब उपधारा (1) के अधीन िव लेषण के िलये कोई नमूना िलया जाता है और नमूना लेने वाला यि त अिध ठाता या
उसके अिभकता या यि त पर उपधारा (3) के ख ड (क) के अधीन सूचना की तामील करता है तब -

(क) ऐसे मामले म जहाँ अिध ठाता, उसका अिभकता या यि त जान-बूझकर अनुपि थत रहता है वहाँ नमूना लेने वाला
यि त िव लेषण के िलये नमूना आधान या आधानों म रखवाने के िलये लेगा, िजसे िचि हत और सीलब द िकया जाएगा और
नमूना लेने वाला यि त भी उस पर ह ता र करेगा; और
(ख) ऐसे मामले म जहाँ नमूना िलये जाने के समय अिध ठाता या उसका अिभकता या यि त उपि थत रहता है, िक तु
उपधारा (3) के ख ड (ग) के अधीन अपेि त प म नमूने के िचि हत और सीलब द आधान या आधानों पर ह ता र करने
से इनकार करता है वहाँ िचि हत और सीलब द आधान या आधानों पर नमूना लेने वाला यि त ह ता र करेगा,और नमूना
लेने वाला यि त आधान और आधानों को धारा 12 के अधीन थािपत या मा यता पा त पयोगशाला को िव लेषण के िलये
अिवल ब भेजेगा और ऐसा यि त धारा 13 के अधीन िनयु त या मा यता पा त सरकारी िव लेषक को अिध ठाता या उसके
अिभकता या यि त के, यथाि थित, जान-बूझकर अनुिप थत रहने अथवा आधान या आधानों पर ह ता र करने से
उसके इनकार करने के बारे म िलिखत जानकारी देगा।

12. पयावरण पयोगशालाएँ

(1) के दीय सरकार, राजप म अिधसूचना ारा, -

(क) एक या अिधक पयावरण पयोगशालाएँ थािपत कर सकेगी;


(ख) इस अिधिनयम के अधीन िकसी पयावरण पयोगशाला को सौंपे गए कृ य करने के िलये एक या अिधक पयोगशालाओं
या सं थानों को पयावरण पयोगशालाओं के प म मा यता दे सकेगी।
(2) के दीय सरकार, राजप म अिधसूचना ारा, िन निलिखत को िविनिद ट करने के िलये िनयम बना सकेगी, अथात:-

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(क) पयावरण पयोगशाला के कृ य;
(ख) िव लेषण या परी ण के िलये वायु, जल, मदृ ा या अ य पदाथ के नमूने उ त पयोगशाला को भेजने के िलये पि या,
उस पर पयोगशाला की िरपोट का पा प और ऐसी िरपोट के िलये स देय फीस;
(ग) ऐसे अ य िवषय जो उस पयोगशाला को अपने कृ य करने के िलये समथ बनाने के िलये आव यक या समीचीन ह।

13. सरकारी िव लेषक

के दीय सरकार, राजप म अिधसूचना ारा, ऐसे यि तयों को, िज ह वह ठीक समझे और िजनके पास िविहत अहताएँ ह,
धारा 12 की उपधारा (1) के अधीन थािपत या मा यतापा त िकसी पयावरण पयोगशाला को िवशेलषण के िलये भेजे गए
वायु, जल, मदृ ा या अ य पदाथ के नमूनों के िव लेषण के पयोजन के िलये सरकारी िव लेषक िनयु त कर सकेगी या
मा यता दे सकेगी।

14. सरकारी िव लेषकों की िरपोट

िकसी ऐसी द तावेज का, िजसका िकसी सरकारी िव लेषक ारा ह ता िरत िरपोट होना ता पियत है, इस अिधिनयम के
अधीन िकसी कायवाही म उसम किथत त यों के सा य के प म उपयोग िकया जा सकेगा।

15. अिधिनयमों तथा िनयमों, आदेशों और िनदेशों के उपब धों के उ लंघन के िलये शाि त

(1) जो कोई इस अिधिनयम के उपब धों या इसके अधीन बनाए गए िनयमों या िनकाले गए आदेशों या िदये गए िनदेशों म से
िकसी का पालन करने म असफल रहेगा या उ लंघन करेगा, वह ऐसी प येक असफलता या उ लंघन के स ब ध म
कारावास से, िजसकी अविध पाँच वष तक की हो सकेगी, या जुमाने से, जो एक लाख पए तक का हो सकेगा, या दोनों से
और यिद ऐसे असफलता या उ लंघन चालू रहता है तो अितिर त जुमानेे से, जो ऐसी पथम असफलता या उ लंघन के िलये
दोषिसि के प चात ऐसे प येक िदन के िलये िजसके दौरान असफलता या उ लंघन चालू रहता है, पाँच हजार पए तक
का हो सकेगा, द डनीय होगा।

(2) यिद उपधारा (1) म िनिद ट असफलता या उ लंघन दोषिसि की तारीख के प चात, एक वष की अविध से आगे भी
चालू रहता है तो अपराधी, कारावास से, िजसकी अविध सात वष तक की हो सकेगी, द डनीय होगा।

16. क पिनयों ारा अपराध

(1) जहाँ इस अिधिनयम के अधीन कोई अपराध िकसी क पनी ारा िकया गया है वहाँ प येक यि त जो उस अपराध के
िकये जाने के समय उस क पनी के कारबार के संचालन के िलये उस क पनी का सीधे भारसाधक और उसके पित
उ रदायी था और साथ ही वह क पनी भी, ऐसे अपराध के दोषी समझे जाएँगे और तदनुसार अपने िव कारवाई िकये
जाने और दि डत िकये जाने के भागी होंगे:

पर तु इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐसे यि त को इस अिधिनयम के अधीन उपबि धत िकसी द ड का भागी नही ं
बनाएगी, यिद वह यह सािबत कर देता है िक अपराध उसकी जानकारी के िबना िकया गया था या उसने ऐसे अपराध के
िकये जाने का िनवारण करने के िलये सब स यक त परता बरती थी।

(2) उपधारा (1) म िकसी बात के होते हुए भी, जहाँ इस अिधिनयम के अधीन कोई अपराध िकसी क पनी ारा िकया गया है
और यह सािबत हो जाता है िक वह अपराध क पनी के िकसी िनदेशक, पब धक, सिचव या अ य अिधकारी की सहमित या
मौनानुकूलता से िकया गया है या उस अपराध का िकया जाना उसकी िकसी उपे ा के कारण माना जा सकता है वहाँ ऐसा
िनदेशक, पब धक, सिचव या अ य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा और त नुसार अपने िव कारवाई
िकये जाने और दंिडत िकये जाने का भागी होगा।
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प टीकरण

इस धारा के पयोजनों के िलये, -

(क) “क पनी” से कोई िनगिमत िनकाय अिभपेत है और इसके अ तगत फम या यि टयों का अ य संगम है; तथा
(ख) फम के स ब ध म, “िनदेशक” से उस फम का भागीदार अिभपेत है।

17. सरकारी िवभागों ारा अपराध

(1) जहाँ इस अिधिनयम के अधीन कोई अपराध सरकार के िकसी िवभाग ारा िकया गया है वहाँ िवभागा य उस अपराध
का दोषी समझा जाएगा और त नुसार अपने िव कारवाई िकये जाने और दि डत िकये जाने का भागी होगा:

पर तु इस धारा की कोई बात िकसी िवभागा य को द ड का भागी नही ं बनाएगी, यिद वह यह सािबत कर देता है िक
अपराध उसकी जानकारी के िबना िकया गया था या उसने ऐसे अपराध के िकये जाने का िनवारण करने के िलये सब
स यक त परता बरती थी।

(2) उपधारा (1) म िकसी बात के होते हुए भी, जहाँ इस अिधिनयम के अधीन कोई अपराध िकसी िवभागा य ारा िकया
गया है और यह सािबत हो जाता है िक वह अपराध िवभागा य से िभ न िकसी अिधकारी की सहमित या मौनानुकूलता से
िकया गया है या उस अपराध का िकया जाना उसकी िकसी उपे ा के कारण माना जा सकता है वहाँ ऐसा अिधकारी भी उस
अपराध का दोषी समझा जाएगा और त नुसार अपने िव कारवाई िकये जाने और दि डत िकये जाने का भागी होगा।

अ याय 4

पकीण

18. स ावपूवक की गई कारवाई के िलये संर ण

इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िनयमों या िनकाले गए आदेशों या िदये गए िनदेशों के अनुसरण म स ावपूवक की
गई या की जाने के िलये आशियत िकसी बात के िलये कोई वाद, अिभयोजन या अ य िविधक कायवाही, सरकार या
सरकार के िकसी अिधकारी या अ य कमचारी अथवा इस अिधिनयम के अधीन गिठत िकसी पािधकरण या ऐसे पािधकरण
के िकसी सद य, अिधकारी या अ य कमचारी के िव नही ं होगी।

19. अपराधों का सं ान

कोई यायालय इस अिधिनयम के अधीन िकसी अपराध का सं ान िन निलिखत ारा िकये गए पिरवाद पर ही करेगा,
अ यथा नही ं, अथात:-

(क) के दीय सरकार या उस सरकार ारा इस िनिम पािधकृत कोई पािधकरण या अिधकारी; या
(ख) कोई ऐसा यि त, िजसने अिभकिथत अपराध की और पिरवाद करने के अपने आशय की, िविहत रीित से, कम-से-
कम साठ िदन की सूचना, के दीय सरकार या पूवो त प म पािधकृत पािधकरण या अिधकारी को दे दी है।

20. जानकारी, िरपोट या िववरिणयाँ

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के दीय सरकार, इस अिधिनयम के अधीन अपने कृ यों के स ब ध म, समय-समय पर, िकसी यि त, अिधकारी, रा य
सरकार या अ य पािधकरण से अपने को या िकसी िविहत पािधकरण या अिधकारी से िरपोट, िववरिणयाँ, आँकड़े, लेखे और
अ य जानकारी देने की अपे ा कर सकेगी और ऐसा यि त, अिधकारी, रा य सरकार या अ य पािधकरण ऐसा करने के
िलये आब होगा।

21. धारा 3 के अधीन गिठत पािधकरण के सद यों, अिधकािरयों और कमचािरयों का लोकसेवक


होना

धारा 3 के अधीन गिठत पािधकरण के, यिद कोई हो, सभी सद य और ऐसे पािधकरण के सभी अिधकारी और अ य
कमचारी जब वे इस अिधिनयम के िकसी उपब ध या इसके अधीन बनाए गए िकसी िनयम या िनकाले गए िकसी आदेश या
िदये गए िनदेश के अनुसरण म काय कर रहे हों या जब उसका ऐसा काय करना ता पियत हो, भारतीय द ड संिहता
(1860 का 45) की धारा 21 के अथ म लोकसेवक समझे जाएँग।े

22. अिधकािरता का वजन

िकसी िसिवल यायालय को, के दीय सरकार या िकसी अ य पािधकरण या अिधकारी ारा, इस अिधिनयम ारा पद
िकसी शि त के अनुसरण म या इसके अधीन कृ यों के स ब ध म की गई िकसी बात, कारवाई या िनकाले गए आदेश या
िदये गए िनदेश के स ब ध म कोई वाद या कायवाही गहण करने की अिधकािरता नही ं होगी।

23. प यायोजन करने की शि त

धारा 3 की उपधारा (3) के उपब धों पर पितकूल पभाव डाले िबना, के दीय सरकार, राजप म अिधसूचना ारा, ऐसी शत
और िनब धनों के अधीन रहते हुए, जो अिधसूचना म िविनिद ट िकये जाएँ, इस अिधिनयम के अधीन अपनी ऐसी शि तयों
और कृ यों को {उस शि त को छोड़कर जो धारा 3 की उपधारा (3) के अधीन िकसी पािधकरण का गठन करने और धारा
25 के अधीन िनयम बनाने के िलये है}, जो वह आव यक या समीचीन समझे, िकसी अिधकारी, रा य सरकार या
पािधकरण को प यायोिजत कर सकेगी।

24. अ य िविधयों का पभाव

(1) उपधारा (2) के उपब धों के अधीन रहते हुए, इस अिधिनयम और इसके अधीन बनाए गए िनयमों या िनकाले गए आदेशों
के उपब ध, इस अिधिनयम से िभ न िकसी अिधिनयिमत म उससे असंगत िकसी बात के होते हुए भी, पभावी होंगे।

(2) जहाँ िकसी काय या लोप से कोई ऐसा अपराध गिठत होता है जो इस अिधिनयम के अधीन और िकसी अ य अिधिनयम
के अधीन भी द डनीय है वहाँ ऐसे अपराध का दोषी पाया गया अपराधी अ य अिधिनयम के अधीन, न िक इस अिधिनयम के
अधीन, दि डत िकये जाने का भागी होगा।

25. िनयम बनाने की शि त

(1) के दीय सरकार, इस अिधिनयम के पयोजनों को कायाि वत करने के िलये िनयम, राजप म अिधसूचना ारा, बना
सकेगी।

(2) िविश टतया और पूवगामी शि त की यापकता पर पितकूल पभाव डाले िबना, ऐसे िनयमों म िन निलिखत सभी या
िक ही ं िवषयों के िलये उपब ध िकया जा सकेगा, अथात:-

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(क) वे मानक िजनसे अिधक पयावरण पदूषकों का धारा 7 के अधीन िन सारण या उ सजन नही ं िकया जाएगा;
(ख) वह पि या िजसके अनुसार और वे र ोपाय िजनके अनुपालन म पिरसंकटमय पदाथ को धारा 8 के अधीन हथाला
जाएगा या हथलवाया जाएगा;
(ग) वे पािधकरण या अिभकरण िजनको िविहत मानकों से अिधक पयावरण पदूषकों के िन सारण होने की या उसके होने
की आशंका के त य की सूचना दी जाएगी और िजनको धारा 9 की उपधारा (1) के अधीन सभी सहायता िदया जाना
आब कर होगा;
(घ) वह रीित िजससे िव लेषण के पयोजनों के िलये वायु, जल, मदृ ा या अ य पदाथ के नमूने धारा 11 की उपधारा (1) के
अधीन िलये जाएँगे;
(ङ) वह पा प िजसम िकसी नमूने का िव लेषण कराने के आशय की सूचना धारा 11 की उपधारा (3) के ख ड (क) के
अधीन दी जाएगी;
(च) पयावरण पयोगशालाओं के कृ य; िव लेषण या परी ण के िलये वायु, जल, मदृ ा और अ य पदाथ के नमूने ऐसी
पयोगशालाओं को भेजने के िलये पि या; पयोगशाला िरपोट का पा प; ऐसी िरपोट के िलये स देय फीस और धारा 12 की
उपधारा (2) के अधीन अपने कृ य करने के िलये पयोगशालाओं को समथ बनाने के िलये अ य िवषय;
(छ) धारा 13 के अधीन वायु, जल, मदृ ा या अ य पदाथ के नमूनों के िव लेषण के पयोजन के िलये िनयु त या मा यता
पा त सरकारी िव लेषक की अहताएँ;
(ज) वह रीित िजससे अपराध की और के दीय सरकार को पिरवाद करने के आशय की सूचना धारा 19 के ख ड (ख) के
अधीन दी जाएगी;
(झ) वह पािधकरण या अिधकारी िजसको िरपोट, िववरिणयाँ, आँकड़े, लेखे और अ य जानकारी धारा 20 के अधीन दी
जाएँगी;
(ञ) कोई अ य िवषय जो िविहत िकया जाना अपेि त है या िकया जाये।

26. इस अिधिनयम के अधीन बनाए गए िनयमों का संसद के सम रखा जाना

इस अिधिनयम के अधीन बनाया गया प येक िनयम, बनाए जाने के प चात यथाशीघ, संसद के प येक सदन के सम , जब
वह स म हो, कु ल तीस िदन की अविध के िलये रखा जाएगा। यह अविध एक स म अथवा दो या अिधक आनु िमक
स ों म पूरी हो सकेगी। यिद उस स के या पूवो त आनु िमक स ों के ठीक बाद के स के अवसान के पूव दोनों सदन
उस िनयम म कोई पिरवतन करने के िलये सहमत हो जाएँ तो त प चात वह ऐसे पिरवितत प म ही पभावी होगा। यिद
उ त अवसान के पूव दोनों सदन सहमत हो जाएँ िक वह िनयम नही ं बनाया जाना चािहए तो त प चात वह िन पभाव हो
जाएगा। िक तु िनयम के ऐसे पिरवितत या िन पभाव होने से उसके अधीन पहले की गई िकसी बात की िविधमा यता पर
पितकूल पभाव नही ं पड़ेगा।

स दभ

1. 2010 के अिधिनयम सं०19 की धारा 36 और अनुसच


ू ी 3 ारा अ तः थािपत।

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