Академический Документы
Профессиональный Документы
Культура Документы
अनिंत मशहमा
सावन का महीना और भगवान शंकर यानी भक्ति की ऐसी अववरल धारा जहां हर हर महादे व
और बम बम भोल की गंज से कष्ों का वनवारण होता है , मनोवां वित फल की प्राक्ति होती है ।
यं तो भगवान शंकर की पजा के वलए सोमवार का वदन पुराणों में वनधाा ररत वकया गया है ।
लेवकन पौरावणक मान्यताओं में भगवान शंकर की पजा के वलए सवाश्रेष्ठ वदन महावशवरावि, उसके
बाद सावन के महीने में आनेवाला प्रत्येक सोमवार, वफर हर महीने आनेवाली वशवरावि और
सोमवार का महत्व है । लेवकन भगवान को सावन यानी श्रावण का महीना बेहद वप्रय है वजसमें
वह अपने भिों पर अवतशय कृपा बरसाते हैं । ऐसी मान्यता है वक इस महीने में खासकर
सोमवार के वदन व्रत-उपवास और पजा पाठ (रुद्रावभषेक,कवच पाठ,जाप इत्यावद) का ववशेष
लाभ होता है । सनातन धमा में यह महीना बेहद पववि माना जाता है यही वजह है वक
मां साहार करने वाले लोग भी इस मास में मां स का पररत्याग कर दे ते है ।
सावन के महीने में सोमवार महत्वपणा होता है । सोमवार का अंक 2 (पहला रवववार और दसरा
सोमवार) होता है जो चन्द्रमा का प्रवतवनवधत्व करता है । चन्द्रमा मन का संकेतक है और वह
भगवान वशव के मस्तक पर ववराजमान है । चंद्रमा मनसो जात: यानी चंद्रमा मन का मावलक है
और उसके वनयंिण और वनयमण में उसका (चंद्रमा का) अहम योगदान है । यानी भगवान
शंकर वशव के मस्तक पर चंद्रमा को वनयंवित कर उि साधक या भि के मन को
एकाग्रवचत कर उसे अववद्या रुपी माया के मोहपाश से मुि कर दे ते हैं । भगवान शंकर की
कृपा से भि विगुणातीत (सत, रज और तम गुण) भाव को प्राि करता है और यही उसके
जन्म-मरण से मुक्ति का आधार बनता है ।
सावन के महीने में सबसे अवधक बाररश होती है जो वशव के गमा शरीर को ठं डक प्रदान
करती है । भगवान शंकर ने स्वयं सनतकुमारों को सावन महीने की मवहमा बताई है वक मेरे
तीनों नेिों में सया दावहने , बां ये चन्द्र और अवि मध्य नेि है । जब सया कका रावश में गोचर
करता है , तब सावन महीने की शुरुआत होती है । सया गमा है जो उष्मा दे ता है जबवक चंद्रमा
ठं डा है जो शीतलता प्रदान करता है । इसवलए सया के कका रावश में आने से झमाझम बाररस
होती है । वजससे लोक कल्याण के वलए ववष को पीने वाले भोले को ठं डक व सुकन वमलता
है । इसवलए वशव का सावन से इतना गहरा लगाव है ।
वशव (वश-व) मंि में एक अंश उसे ऊजाा दे ता है और दसरा उसे संतुवलत करता है । इसवलए
जब हम ‘वशव’ कहते हैं , तो हम ऊजाा को एक खास तरीके से, एक खास वदशा में वनदे वशत
करने की बात करते हैं । 'वशवम' में यह ऊजाा अनंत स्वरुप का रुप धारण करती है । 'ऊं नम:
वशवाय' का महामंि भगवान शंकर की उस उजाा को नमन है जहां शक्ति अपने सवोच्च रूप में
आध्याक्तिक वकरणों से भिों के मन-मक्तस्तष्क को संचावलत करती है । जीवन के भव-ताप से
दर कर भक्ति को प्रगाढ़ करते हुए सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण से मुि कर मानवसक और
शारीररक रूप में ववकार रवहत स्वरूप प्रदान करती है । यह स्वरूप वनववा कार होता है जो
परमब्रह्म से साक्षात्कार का रास्ता तय कराता है ।
'वशव' शब्द की उत्पवि वश कान्तौ धातु से हुई हैं । वजसका मतलब वजसको सब चाहें वही
वशव। जीवन में सभी आनंद की इच्छा करते हैं यानी वशव का एक अिा आं नद भी है । 'वशव'
का एक अिा - 'कल्याणकारी' भी है । वशव यानी जो सबको प्यारा।
भगवान शंकर यं तो अराधना से प्रसन्न होते हैं लेवकन सावन मास में जलावभषेक, रुद्रावभषेक
का बडा महत्व है । वेद मंिों के साि भगवान शं कर को जलधारा अवपात करना साधक के
आध्याक्तिक जीवन के वलए महाऔषवध के सामान है । पां च तत्व में जल तत्व बहुत महत्वपणा
है । पुराणों ने वशव के अवभषेक को बहुत पववि महत्व बताया गया है ।
सावन मास में वशव भक्ति का पुराणों में भी उल्लेख वमलता है । पौरावणक किाओं में वणान
आता है वक इसी मास में समुद्र मंिन वकया गया िा। समुद्र मिने के बाद जो ववष वनकला
उसे भगवान शंकर ने कंठ में समावहत कर सृवष् की रक्षा की लेवकन ववषपान से महादे व का
कंठ नीलवणा हो गया। इसीसे उनका नाम नीलकंठ महादे व पडा। ववष के प्रभाव को कम
करने के वलए सभी दे वी-दे वताओं ने उन्हें जल अवपात वकया। इसवलए वशववलंग पर जल चढ़ाने
का खास महत्व है । यही वजह है वक श्रावण मास में भोले को जल चढ़ाने से ववशेष फल की
प्राक्ति होती है । वशवपुराण में उल्लेख है वक भगवान वशव स्वयं ही जल हैं । इसवलए जल से
उनकी अवभषेक के रुप में अराधना का उिमोिम फल है वजसमें कोई संशय नहीं है ।
सावन और वशव का भारतीय संस्कृवत से गहरा मेल है । सावन के आते ही वशव भिों में पजा
अचाना के वलए नई उमंग का संचार हो जाता है । शास्त्ों और पुराणों का कहना है वक श्रावण
मास भगवान शंकर को अत्यंत वप्रय है । इस माह में वशव अचाना के वलए प्रमुख सामग्री बेलपि
और धतरा सहज सुलभ हो जाता है । साि इस पववि महीने में वहन्दु ओं को मां साहार से ववषेश
दरी बनाने को कहा जाता है । आइये जानते हैं , वक श्रावण महीने की खावसयत क्या है और इस
दौरान हमें मां साहारी भोजन क्यों नहीं करना चावहये।
श्रावण में वहन्द क्यों नहीं खाते मां साहारी भोजन? 1. पवविता का मौसम- वहन्दु कैलेंडर के
अनुसार श्रावण, सालभर का सबसे पववि महीना माना जाता है । इन वदनों कई तरह के त्योहार
मनाए जाते हैं , वजसमें से रक्षाबंधन सबसे प्रमुख होता है । इसके अलावा, नाग पंचमी, ओनम,
कजरी तीज आवद होते हैं । 2. भगवान वशव का महीना- इस महीने में वजतने भी सोमवार पडते
हैं , उन्हें श्रावण सोमवार कहा जाता है । यह पावन महीना वशव जी का होता है , वजसमें वशवरािी
मनाई जाती है । सावन का परा महीना यं तो भगवान वशव को अवपात होता ही है पर सावन
के पहले सोमवार को भगवान वशव की पजा करने से ववशेष फल वमलता है । भारत के सभी
द्वादश वशववलंगों पर इस वदन ववशेष पजा-अचाना की जाती है । कहा जाता है सावन के
सोमवार का व्रत करने से मनचाहा जीवनसािी वमलता है और दध की धार के साि भगवान
वशव से जो मां गो वह वर वमल जाता है । 3. बरसाती बीमाररयां - इस सीजन में मौनसन अपने
परे जोश में रहता है । बाररश का पानी अपने साि कई जानलेवा बीमाररयां साि में लक कर
आती हैं । इस समय मलेररया, पीवलया, पेट का संक्रमण, टाइफाइड तिा कॉलरा जैसी घातक
बीमाररयां हो सकती हैं । वहन्दु ओं का मानना है , वक इस समय मीट में काफी संक्रमण होता है ,
इसवलये इसको खाने से बचना चावहये। 4. प्रजनन का मौसम- पौरावणक सं दभा में अगर बात
करें , तो श्रावण माह को प्यार का महीना भी बोला जाता है । व्यावहाररक रूप से यह कई
जानवरों के वलये प्रजनन का मौसम होता है । वहन्द वनयम के तहत इस दौरान मिली पकडने
पर रोक लगाई जाती है क्योंवक इस समय मिवलयों के पेट में अंडेे़ होते हैं , वजन्हें मारना पाप
होता है ।
क्ोिं है सावन की शविेषता? :- वहनद धमा की पौरावणक मान्यता के अनु सार सावन महीने को दे वों
के दे व महादे व भगवान शंकर का महीना माना जाता है । इस संबंध में पौरावणक किा है वक
जब सनत कुमारों ने महादे व से उन्हें सावन महीना वप्रय होने का कारण पिा तो महादे व
भगवान वशव ने बताया वक जब दे वी सती ने अपने वपता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर
त्याग वकया िा, उससे पहले दे वी सती ने महादे व को हर जन्म में पवत के रूप में पाने का प्रण
वकया िा।
अपने दसरे जन्म में दे वी सती ने पावाती के नाम से वहमाचल और रानी मै ना के घर में पुिी के रूप में
जन्म वलया। पावाती ने युवावथिा के सावन महीने में वनराहार रह कर कठोर व्रत वकया और उन्हें प्रसन्न
कर वववाह वकया, वजसके बाद ही महादे व के वलए यह ववशे ष हो गया।
सावन में शिवििंकर की पू जा :- सावन के महीने में भगवान शं कर की ववशे ष रूप से पजा की
जाती है । इस दौरान पजन की शुरूआत महादे व के अवभषेक के साि की जाती है । अवभषेक
में महादे व को जल, दध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, गन्ना रस आवद से स्नान कराया जाता
है । अवभषेक के बाद बेलपि, समीपि, दब, कुशा, कमल, नीलकमल, ऑक मदार, जंवाफल कनेर, राई
फल आवद से वशवजी को प्रसन्न वकया जाता है । इसके साि की भोग के रूप में धतरा, भाूँ ग
और श्रीफल महादे व को चढ़ाया जाता है ।
महादे व का अशभषेक :- महादे व का अवभषे क करने के पीिे एक पौरावणक किा का उल्ले ख है
वक समु द्र मं िन के समय हलाहल ववष वनकलने के बाद जब महादे व इस ववष का पान करते हैं तो वह
मक्तच्छात हो जाते हैं । उनकी दशा दे खकर सभी दे वी-दे वता भयभीत हो जाते हैं और उन्हें होश में लाने
के वलए वनकट में जो चीजें उपलब्ध होती हैं , उनसे महादे व को स्नान कराने लगते हैं । इसके बाद से
ही जल से ले कर तमाम उन चीजों से महादे व का अवभषे क वकया जाता है।
बे पत्र और समीपत्र :- भगवान वशव को भि प्रसन्न करने के वलए बेलपि और समीपि चढ़ाते
हैं । इस संबंध में एक पौरावणक किा के अनुसार जब 89 हजार ऋवषयों ने महादे व को प्रसन्न
करने की वववध परम वपता ब्रह्मा से पिी तो ब्रह्मदे व ने बताया वक महादे व सौ कमल चढ़ाने से
वजतने प्रसन्न होते हैं , उतना ही एक नीलकमल चढ़ाने पर होते हैं । ऐसे ही एक हजार
नीलकमल के बराबर एक बेलपि और एक हजार बेलपि चढ़ाने के फल के बराबर एक
समीपि का महत्व होता है ।
इस दौरान डाक वजस पेड पर िु पकर बैठा िा, वह बेल का पेड िा और परे शान डाक पेड से पिों
को तोडकर नीचे फेंक रहा िा। डाक के सामने अचानक महादे व प्रकट हुए और वरदान माूँ गने को
कहा। अचानक हुई वशव कृपा जानने पर डाक को पता चला वक जहाूँ वह बेलपि फेंक रहा िा उसके
नीचे वशववलं ग थिावपत है । इसके बाद से बेलपि का महत्व और बढ़ गया।
शविेष सजावट : सावन मास में वशव मंवदरों में ववशे ष सजावट की जाती है । वशवभि अने क
धावमाक वनयमों का पालन करते हैं । साि ही महादे व को प्रसन्न करने के वलए वकसी ने नंगे पाूँ व
चलने की ठानी, तो कोई परे सावन भर अपने केश नहीं कटाएगा। वहीं वकतनों ने माूँ स और
मवदरा का त्याग कर वदया है ।
कााँवररए च े शिव के धाम : सावन का महीना वशवभिों के वलए खास होता है । वशवभि
काूँ वररयों में जल लेकर वशवधाम की ओर वनकल पडते हैं । वशवालयों में जल चढ़ाने के वलए
लोग बोल बम के नारे लगाते घरों से वनकलते हैं । भि भगवा वस्त् धारण कर वशवालयों की
ओर कच करते हैं ।
सावन में सोमवार का महत्व
सससस ससस ससससस ससस सस ससससस ससस सस ससससस ससस ससस ससस
सससस सस ससससस ससस सससस ससस ससससस सससस ससस सससस सससस ससससस
ससस
सस ससस ससस ससससस ससससस ससस सस ससससस ससस सस सससस ससससस ससस
सससस ससस सससससस सससस सससस ससससससस ससस ससससससस सससस ससस
सस सससस सससस सससससस सससस ससस ससससस सससस ससस सस सससस ससससस
ससस
ससससससस सससस सससस ससस सससस ससस सस ससस सस ससस ससस ससससस,
ससससस सस सससस ससस सस सससससस ससस ससस सससस सस ससस सससस ससस
ससस
ससससससस सस सससससस ससससस : ससससससस सससससस सस ससससससस सससस
सस सससस सससस ससस सससस ससससस ससस सस ससस सससस सससस ससस
सस सससस
सससस ससससस ससस ससस सससस ससससस सस सससस सस ससस ससस सस सससस
ससससस ससससस : सससस ससस ससस ससस ससससससस ससस ससससस ससससस सस
सससससससस ससस ससस सससस सस सससस सससस ससस सससस सससस ससस
ससस ससस ससससस सससस सस सससस ससससस सस सससस सससससस ससससस ससस
ससस सससस
ससस
'सससससससससससससससससससससससससससससससससस सससससससससससस
सस सससस सससस ससससस सससस ससस ससस ससस ससससस सस ससस ससससस
ससस ससस ससस सससससस ससससससस सससससस सससस सससस सससस सस ससससस
सससस ससस सससससस सससस ससससस सससस, ससस सससस, सस सससस ससस सससस
ससस सस सस सससस ससस? सस सससस सससस, ससस सससस सससस ससस ससससस
सस सससस सससस सससस सस? ससससस सससससस सससस सससस? सस ससस ससससस
ससससससस सससससससससससससससससस'
ससससस ससस सस ससससस, ससससस, सससस, ससससस ससस सससस सससस सससस, सस
सससस सससस ससस सस सससस सससस ससस सससस सस ससससस सससस ससस
ससससससस ससस
सससससससस सससस ससस ससससससससस ससस ससस ससससससस ससस ससस ससस
ससससससससससस ससससससससससस
ससससससससससस ससससससससससससस
ससससस सससससस सससस सस ससस ससससस सससस सससस सस, सससस सससससस
सस सससस सससस ससस सस 'सससससस' ससस सस सससससससससससस ससससस
ससससससस ससस
ससस ससस सस सससससस सससस ससस सस, सससस सससससस ससससस सससस ससस
सससस सससस सस ससस ससस सससससस सससस सस सससस ससससस सससस ससससस
ससस ससससससस सससस ससस ससससस सस ससससस ससससस ससस सससस (सस
सससस ससस ससससससस ससस ससससस ससससससस सससस सस सससस ससससस ससस
ससस सससस सससस सससस सससस सस ससस सससस ससससस सससस ससस
ससस ससस
सससस ससससस ससस ससस सस ससस सससस सससस सस सससस ससससस सससस
सस ससससससससससस सस ससस
ससससससससससससससससससससससससस
ससससससससससससस ससससससससससससससससससससससससससससससससस
ससस
ससससस ससस ससस 'ससससस' सस ससससस ससस सससस ससस ससस ससस सससस
सससस -
सससससससससससस सस सससससससससससससससस,
सससससस ससससस सस, ससससस सस, सससस सस, सससस सस, सससस सस, सससससस
गंगाजल, दध, दही, शहद व घी को वमलाकर पंचामृत का वनमाा ण वकया जाता है । वशव पररवार
को पंचामृत अपाण करने का भी ववशेष महत्व है । पंचामृत में मौजद सभी तत्वों का ववशेष
महत्व है ।
गंगा जल : अपने वपता की मुक्ति की कामना के वलए भगीरि के पवा जों ने पीढ़ी दर पीढ़ी
तक मुक्ति प्राि करने के वलए गंगा जल को पृ थ्वी पर लाने के वलए वशव से प्रािाना की िी।
गंगा जल मुक्ति दावयनी है और इसे मुक्ति के प्रतीक के तौर पर जाना जाता है ।
शहद : मधु मक्तियां कण-कण भरने के वलए शहद संग्रह करती हैं । इसे लोभ का प्रतीक
माना गया है ।
सससस ससस ससससस ससस सस सससस ससससस ससस सससस ससस सससस ससस
बरसात में भी बहुत सारी चीजें होती हैं लेवकन हम उनको दीवाली के बाद अन्नकट में कृष्ण
भोग लगाने के बाद ही खाते िे (क्ंवक तब वषाा ऋत समाि हो चुकी होती िी). एलोपैि
कहता है वक गाजर मे ववटावमन ए होता है आयरन होता है लेवकन आयुवेद कहता है वक
वशव रावि के बाद गाजर नहीं खाना चावहए इस ऋत में खाया गाजर वपि को बढाता है तो
बताओ अब तो मानोगे ना वक वो वशववलंग पर दध चढाना समझदारी है ?
हमारी परम्पराओं के पीिे वकतना गहन ववज्ञान विपा हुआ है | ये इस दे श का दु भाा ग्य है वक
हमारी परम्पराओं को समझने के वलए वजस ववज्ञान की आवश्यकता है वो हमें पढ़ाया नहीं
जाता और ववज्ञान के नाम पर जो हमें पढ़ाया जा रहा है उस से हम अपनी परम्पराओं को
समझ नहीं सकते |
वजस संस्कृवत की कोख से हमने जन्म वलया है वो सनातन है , ववज्ञान को परम्पराओं का जामा
इसवलए पहनाया गया है तावक वो प्रचलन बन जाए और हम भारतवासी सदा वैज्ञावनक जीवन
जीते रहें |
सससस सससस सससस ससस ससससससस सस ससस, ससससस सस सस, ससस, ससस, सस,
सससस ससससससस ससस ससस ससस ससस सस सससस सस ससस ससस ससससस
सससस ससस
सससस ससससस ससस सससस ससस ससस सस ससससससस सससस सससस सससस ससस
सससस ससस ससस ससस सस सस सससससस ससससससससससस सस सस सससस सससस
ससससस सससस सस ससससस सससस सससस ससस सस ससससससससस सस सससस
ससससस सससससससस सससस ससस सस ससससस सस सससससस सससस ससस ‘‘सससस
ससस ससससससस ससस ससससस सससससस ससससस ससस ससससस ससस ससससस
सससस ससससस सससस ससससससस सस सससस सससस सस ससससस सस सससस ससस
सस ससससस सससस सस सससस सससस सस सस सससससस सससस ससस, सस सस
ससससस सससससससससससस सससससस ससससस सससससस सससस ससस सस सस
सससससससस सससस सस ससससस ससस सस सससस सस सससससस सस ससससस सस
सससससससससससस सससस ससस सस ससस सससस ससस सससस ससस सससस सससस
ससससस ससस’’ सससस ससससससससस सस सससस ससससससससस सस ससससस सस
सससससस सस सससससससससस ससस ससससससससस ससससस ससससस सस सससस
सससस ससस सससस ससस, सस ससससस सससस सस ससससस ससससस सस, सस ससससस
ससस सस ससससस ससससस ससस ससससस ससससस, ससस ससससससस सस सससससस
सससससस सससस ससस सस सससस ससस सस सस सससस सससस सससससस ससससस
ससससस सस सससस सससस (ससससस ससससस) सस सस सससस सस सस ससससस सस
सससससस सस ससस ससससस ससस सस ससससस सस ससस सससससस सस ससससस
ससस सससस ससस ससससस सस ससस-ससस ससससस ससस सस ससससस सससससस
सस ससससस ससससस सस सससस सससस सससससस सस ससससस सस सससससससस
सससस ससस सससस सससस सससस सस सससससस ससस ससस सससस ससस ससस
सससस सस सससस सससस सससससस सससस ससस ससससससससस सससससस सस
सससस ससससससससस सस सससस ससससससससस सस सस सससस ससस ससससससससस
सससस सससस सस सस ससससस सससस ससस ससससस सस सससससससस
सससससससससस सस सससस सससस ससस सससससस ससस ससस सससससस सससस
सससस ससससससस ससस सससस सससस स सससस ससस सससस सससस सससस
ससससस ससससस ससस सस ससससस ससस सस सससस ससससस ससस ससस ससस
ससस सससससससससस सस सससस सस ससससससस सस ससससस सससस ससस
सससससस सस सससस सससस सस ससससस ससससससस, सससससस सस सससससस
सससस ससस सससस ससस सस सससस ससससस सस सससस ससस सस ससस सस
सससससस सससससस सस सससस सससस सस सससस सससससस सस ससस सससससस
सससससस सस सस ससस सससस ससस सससससस सस सससस सस ससससस सससससस
ससस ससस ससससस सससस ससससस सस ससस सससससस सससस सससस, ससस सस सस
ससससससस सससस, ससससस, ससससससस, ससससस स ससससस ससससस सस ससससस
(सससससससससस) सससससस ससस सस ससस सस ससससससससस ससससस ¬ ससस
ससससस सस सस सस सस सस सससस ससससस ससससससस सस सससससस सससस
सससस सससस सस ससस ससस ससससस ससस सस ससससससस सससस, ससससस ससस
ससस सस सससस सस ससस ससससससस ससस ससससस ससस सस सससस सस ससस सस
सससससस सस ससससससस सस ससससससस ससस सससस सससस सस सससससस
ससससस सससस सससससस सस सससस सससस, ससससस सससस सससस, सससस सससस
ससस, सससस सससससस सस ससससससस ससससस ससससससस सस ससससस सससस
सससस सससस ससस ससस ससस सससस सŸससससस सस सससस सस सससस सससस
ससससस सससस ससससससससस ससससस सससस सससससस सससस ससस सससस सस
सससससस सस सससससससस सससस सस? ससससससस ससस ससस सससससस ससस
सससससस सससस सस सससससस ससस ससससससससस सस ससससस सस सससस
सससस ससस ससससस सस ससससस ससससस ससस सससस सससस सस ससससस
ससससस सस ससस सस सससस सससस ससस सस सससस सससससस ससस सस ससससस
ससस 36 ससससससससस ससस ससससस ससस ससससस ससस सससस ससस
सससससससससस सस सससस ससस सससस ससस सससससस सस सससस ससस
सससससस सस सससससस ससस-ससस सससस ससस ससस सससस सस ससससस सस
सससस सस सससससस, सससस ससससससस, सससससससससस, ससससससससससससस सस
ससससससससससस सस सससस सससससस सससस सस सससस सससस सस सससससस
ससससससस सस सससससससस सस ससससस सस ससस सससस सस ससससस ससस
सससस ससस सससससससस ससस ससस ससससस सस सससससस सस सससससस ससस
सस सससससस सससस सससस ससससस सससस सस ससससससस सससससस सस सससस
ससससससस ससससससस सस सससससस सस सससससससससस सससस सस सससस
ससससस सससस ससससससस सस सससससस सस सससस सस सससससस सस सससस
सससस सस ससससस ससससस सस ससस सस ससससससससससस सससस सससस सससस
सस ससससस सससस ससस ससस, सससस ससससससस सस सससस सस सससस सससस
सससससस ससससससससस सस ससस सससस सस सससससस सस सस ससस सस ससससस
ससससस सस सससस सससस सससस सससस ससससस सस सससससससससस सससस
सससससस सस सससस सससससस सस सससस- ‘ससससस सससस सससससससस सस सस
सस सससस ससससस सस सससससससससस सससस, सस ससस सस सससस सस ससस ससस
सससस सससससस सससस ससस सस सससस ससस ससससस सससस ससससस ससस सस
सससस सससस’ सससससस सस ससस सस सससस सस सससस ससससस सस
सससससससससस सस सससससस ससससससस सससस सससससस सस सससस सस
ससससससस सस ससससस ससस ससससस ससस ससस ससससससस सस ससससस
सससससससस ससससस सससस सससस21 सससस सससससस ससस ससससस सस
सससससस ससस सससससस ससस ससस ससस सस सससस सससस सस सससससस ससस
ससससससस सस सससस सस सस ससस सससस ससस सस ससस ससस ससस सस ससससस
ससससस ससस सस सससस सससस, ससस ससससस ससस सससससस ससस सस ससससस
सससस सससससस सससस सससससससस ससससससस ससससससस सस ससससस सस
सससससस ससस सससससस सससस ससस ससससस सससससससससससस ससससस ससस
सस ससससस सससस सससससस सससससससस सस सससस ससस ससससससस सससस
ससस सस सससससससससस सस सससस सससस ससस सससससस ससŸसस ससस ससस
सससस सससससस सस ससस सस ससससससससस ससससस ससससस सस सस
सससससससससस ससससस सस सससस ससस, ससससस ससस सससससस ससस ससस
सससस ससस ससससससससस सस ससससस ससससससस सस ससस सससस सस सससस
सस सस ससस सससससस सससससस ससस सस ससस सस ससससससस ससस सस सससस
ससससससस सस सस ससससस सससस सस ससस सस ससस ससस ससस सससस स
ससससस ससससससस सस ससस सस सससस सससस सससस सससस सस सस सस सस
ससस सस सससस ससससससस सससस सससस ससससस ससससससस सस ससस सस
सससस सससस सस, सस ससस सस ससस सस ससस ससससससससससस ससस ससससस
ससस सस सस ससस सससससससस ससससस ससस ससससस ससस सस सस ससस सस
सससस ससससस सससस स सससससससससस, सस सससस ससस सससससस ससससस सस
ससस सस ससससससससससस सससस, ससससससससस सस सससस सससस सससस ससस
सससस ¬ ससस ससससस सस सस ससससस सस ससससस ससससस सस सससस सससस
सस ससससस ससससस सस ससससस सस सससस सससससस ससससस, ससससस सस, सस,
ससससस सस ससससससससस सस सससससस सस सससस सससस सससससस सससस सस
ससस सससस ससससस, सससससससससस सस सससस सससस ससससस सस ससस सससस
ससससस सससससस ससससससससस ससससस सस ससससससससŸस सस ससससस ससससस
सस ससस सससस सससससस सस ससस ससससससस सससस सससस सससस सस
ससससससससस सस सस सससससससस सससस ससस सससससस ससस ससस ससससस सस
ससससस सससससस ससस सस ससससस सससससस सस सससस सस सससससस सससस
सससस सससस सससस ससस सससससससससस सससस सससस ससस सससससस सस
सससस सससस, ससससससस सस ससससससससस, सससससस सस ससससससस, सससससससस
सस सससससससस सससस, सससससससस सस सससससससस सससस, सससससस सस
सससससस ससस सससससस सससस सस सससससस सस ससससस सससस सससससस ससस
सससससस ससस ससस ससससससस सस ससससस सससससस ससस ससस सससस सस
सससससससससस सससस ससस सससस सससस ससससस सससससससस सस सससस सससस
सससस सससस सससससस सससस, सससससस सस सससससससस, ससससससस सस
सससससस ससससस सससस (ससस सससससस ससससससस सस सससस ससस), ससससस
सस ससस ससससस सससस (ससससससससस ससस सससससससस सससससस ससससस
सससस ससस ससससससस सससस सस), ससससस सस सससससस सससस, सससससस सस
ससससससससस सससस, सससससस सस सससस सस सससस सस सससस, ससससस सस
सससससससस, सससस सस ससस सससस सस ससससससस सस सससस सससस सससस
सससस सससससस सससस सससससस ससस ससस सस ससससस सससस ससससससससस
सस ससससससस सस ससस ससससससससस सससस सससस सससस ससस सस सससस
सससस सस ससससस सससस ससससससससस सससससस सससस सससससस सस
सससससससस सससस सस ससस सससस सससस ससससससस सस ससस ससससससस सस
ससससस-ससससस सससस सससससससस सस ससस सससस सससस सससस सस ससससस
ससससस, सससससससस सस ससससससस, सससससस सस सससस, ससससससस सस
सससससस, ससससस सस सससस, ससससस सस ससससस, सससससस सस ससससस,
सससससस सस ससस, ससससस सस सससससस, सससस सस सस, सससससस सस
ससससससससस, ससससससस सस ससस सससससस, सससससससस सस सससससस सससससस,
सससससससस सस ससस, ससससससससस सस सससससससस सस सससससससस सस ससस
सससस सससस सससस सस सससससस सससस ससससस सससससस ससस ससस
सससससस सस ससस सस ससससस ससससस ससस सससस सस सस ससससस सस
सससससस सस: ससस सससस ससससससससस सससससस ससससस ससससससससस
ससससससस सस ससससससस सस ससससस ससससस सस सससससससससससस
सससससससस ¬ ससस ससससस सस सस ससससस ससससससस सससससससससस
सससससस सससससससससससससससस सस ससस सससससस सस सससस ससससस ससससस
सससससस सस सस ससस सस ससस सससससस सस ससससस सससस ससस ससस ससस
सस सससससस सस ससससस सससस ससस सससस ससस सस सससससस सस, ससस सस
सस सस, सस सस ससस सससससस सस ससससस सस सससससस सससस सस सस
सससससससस सस सससससस सस सससस सस सससससस सससस सस सस ससससस
ससससससससस सस सससससससस सससस ससस सस सससससस सससससस ससस सससस
सस सस ससससस सस ससस सससस ससस ससस ससससस ससस सस ससससस सस
सससससस सस ससससससस सस ससस, सससस सस ससससस सस सससससस सस
सससससस, ससस सस ससस सस सससससससस, सस सस ससससस, ससससस, सस-ससससस
सस ससससससस सस सससससससस सससस ससस ससस सससससस सस ससससससस सस
सस सससससससस सस सस ससससससस सससस सस ससससस ससससस सस ससस,
ससससस सस ससससससस, सससस, सससस, ससस सस ससससस सस सससससस, सससस
सससससस सस ससससस ससस सससससस, सस सस सससस सस सससससससस सससस
ससस ससस सससससससससस सस सससससस ससससस सस सससससस, सससस
सससससससससस सस ससससस ससससस सस सससससस, ससस सससससससससस सस
ससससससस सस सससससस, सस सससससससससस सस ससस सस ससससससससस सस
ससससŸसस, सससस ससस सस ससससस, सससस, सससससस ससस ससŸस, ससस स सस
सससस ससससस सस ससससस, ससस सससससस सस सससससस ससस सससससस सस
सससससससस सससस ससस ससससस सससस सस ससससससस सससससससस सस
सससससस सससस सस सस सस सससससस सससस सस ससससस सस सससससससस,
सससस सस सस सससससस सससस सस ससससस, ससस सस ससस सससससससस, सस सस
सस ससससससस सस सससससससस, ससस सस सस सस सस सस सससससससस, ससससस
सस ससससस सससससससस, सस सस सससस सस ससससस, सस सससस ससससससस सस
सससस सस सस सससस सस ससस सस सससससस सस सससस ससस सस सससस
सससससस सससस सस सससससस ससस सस सससससस सस सससससससस सस
सससससस सससस सस, ससससस सससस ससस ससस सससससस सससस सस सससससस
सस सससससस सससस सस, ससससस सस ससस सस ससस सस ससससस सस ससस सससस
सस सस ससस सस सससससस ससससस ससस ससस सससससस सससस सस ससससससस
ससस सस ससससस सससस सस ससस ससस सस सससस सससस ससस सससससससससस
सस ससससस सससससस सस सससससस ससससस ससससससस सस सस सससस
सससससस ससससससससस सससससससस सस सससससस सससस सस ससससस सससससस
ससससससस सससस ससस सस सससससस सस सससससससस सससस सससस सससस
ससससससससससस सस ससस सससससस ससससससससस ससससससससस सस सससस
सससस सससससस ससस सससससस ससससस ससस सस ससससस-ससससस ससससस सस
सससस सससस सस ससससस-ससससस सस ससससससस सससस सससस ससससससस,
ससससससस, सससससस सस सससससससस सससससस सससस सससस सस सस-ससससस
सस सससससससस सससस ससस सस सस ससससस ससससस सस ससस-सससससस सस
सससससस सससस ससस ससस ससससस सस सससस सससस सस ससससस सस ससस
सससस ससस सससस सस ससस सस सससस सससस सस ससस सस सससससस ससससस
सस ससस सससससस ससस ससससस सस सससससससस सससस ससस सस सससससस सस
ससससस सस सससस सससस सस सस सससससस सससस सस ससस सससस सस ससससस
सस सससस ससस ससससस सस सससससस ससससस ससस सससस सस ससससस सस
ससससस सस ससससस ससस ससस ससससस सस ससससस ससस सस सससस सस सस
सससस ससस ससससस सससस ससससस सस सस सससस ससस सससससस सससससस
सससस सस ससससस ससससससस सससस ससस
शिव िक्ति रहस्य
ससस ससससस ससससस ससस सससस ससस ससससस सस सससस सससस ससस, ससस
ससस ससससस सस ससससस सससस ससस सससससस, ससस ससससससस सस ससस स
ससस सससस ससस सससस ससससस सससस, सससस सस ससससस सससस, ससस सससस
सससस सससस, ससस ससस-सससस सससससस सससस ससस सस सससससस सस ससस
सससस ससस, सस ससस ससससस सससस सससस सससससस ससससससस सससससस सस
सससस सससससससससस सससस ससस ‘ससससससससस’ ससस, सस ससससस सससस,
सससस, सससस, सससससससससस सससस ससससससस सससससस सस ससससस ससस
सससस सससस सस, सस सस सससससससस सस ससससस सससस सससस ससस सससस
सससस सस, सस ससस सससससस सस सस सससस ससससस ससस ससससस सस ससस
ससस ससससस सस ससस सस ससससससस ससस ससस सस ससससस ससस सससस सस,
सस ससससससससस सस ससस सससस सस, ससससस-सससससससस सस ससससस सस
ससस सससस सस, ससस सस ससससस ससससस ससस सससस सस ससस सस सससससस
सससस ससस, सससस ससससससस सससस सससस सससस ससस ससस ससस, ससससस सस
ससस ससस- ससससससस सस सससस सससस ससससस ससस सससस सससस सससस
ससससससससस सस सससस सस सससस सस सससससस सससस सस सससस, ससससस
ससससस ससस सससस ‘स’ सस सससस ससससससस ससस ¬ ससस ‘स’, ससस ससस ‘स’,
ससससस ससस ‘स’, ससससस ससस ‘स’, ससससस-सससससससस ससस ‘स’, ससससस
सससससससस ससस सस ‘स’ ससस ससससस सस सससस सस ससस ससससस सससस
ससससस सस सससस सस सससससससस ससस ‘स’ सस ससससससस ससससस सस सससस
सससस सस ससससस ससससस सससससस सससस ससस सस सससससस ससस सससससस
सस ससससस ससस सससससस ससससस सस ससससस ससससससस सससससस सस ससस
ससससस सससस ससस सस सससस ससस ससस सस ससससससससससससस सससस
सससस ससससस ससससस सस सससस ससससस ससस सससस सससस सससस सस
सससससससस सस सससस सससस सससस ससस ससससस ससससससस ससस सस ससस
सस ससस ससससससस ससस ससस सससस ससस ससससस सस सससस सससस ससससस,
ससससस ससससस सस सससस सससससस सस सससस सस सससस सस ससससस सससस
ससस ससस सससस ससस ससससस सससससस सस ससससस सससससस सससस सससस,
ससस सससस सससस ससस सससससस सस सस सससससस ससससससससस सससस ससस
सससस ससस, सससससससस सससस सससस सससस सससस सस ससससस सस ससस
ससससससस सस सससससससस ससस ससस सससस सस सससससस सससस सस ससस
ससस ससससस सस ससस सससस ससस ससस, ससससस, ससससस, ससससससस ससस सस
सससस सससससससस सस सससस सससस सस सससस ससस सससस ससससस सस
ससससस सससस, ससससस सस ससससस ससससस, ससससस सस, ससससस सस ससस
सससस सससस ससससस सस सस सससस ससससस सस ससससस सस, ससस सससस
सससससस ससस ससस सससससस ससससससस सससस ससस ससससस सस ससससस
ससससस सस ससस ससस सससस ससस सससस, सस सससससस, सससससस, ससससस सस
सस ससस सससस ससस सस सससससससससससस ससस ससस ससससस ससस ससस ससस
सससससससस ससस, सससस ससससस ससस ससस ससस ससस ससस सससससस
सससससससस सससस सस ससससस ससस सससससस सससस सससस ससस ससस ससस
सस सससससस ससस ससससस सससस सससस ससस ससससस ससससस-ससससस ससस
सससस सस सससससस सस सससससस सससस ससस ससससस सस सस ससस ससससस
सससस सससस ससससस ससस ससससस ससस, सससससससस ससस, सस ससस ससस, ससस
सससस ससस सससस स ससससस सससस सससस ससससस सस ससससस ससससस सस
सससस सससससस ससससससस ससससस ससस सससस ससस ससस सससस सस ससससस
सस, सससस सससस, सससस ससस स ससस, सस ससससस ससससस ससस सस सससस
सससस ससस- ससस सस ससससस सस सससससससस ससससस ससस सससस सस
सससससससससससस ससससस, ससस, सस सससस सस, सस सससससससस सससस सससस
सस ससससस ससस सस सससस सस सस सससस ससस ससस ससस ससससस स स सससस
ससस सससस सससस सस ससस ससससस ससस ससससससस सस ससस सस ससससस सस
सससससस सस ससससस सससस सस ससससस ससससस सस ससससससस सससस ससस
सससससस ससससससस सस सससस सससस ससस, ससस सस ससससस सस ससस सससस
ससससस सस सससस ससस सस सससससस सस ससससस सस, सससस सससससस सस
ससससस ससस सस सससस ससससस ससस ससस सस सससस ससस सससस सस
सससससस सससससस सस ससस सस ससस सस सससस ससस सससससस ससससस सस
सस ससससससस सससस ससससस सस सस ससससस सस ससससस ससस, सससससस सस
ससस सस ससससस ससससस- ससस सस ससससस सससस ससस सससससस सससससस
ससस ससस ससससस सससस ससससस सस सस सससस ससस ससससस ससससससस
सससस सस सस ससस ससससस ससससससस सस ससस सस सससस ससस ससस सससस
ससससस, सससससस स ससससस सससस सस, सस ससससस, ससससससससस, ससससस सस
सससस ससस सससससस ससस सससससस ससससस सस सससससस सससस ससस
सससससससस ससस सससससससस सससससस ससस ससस सससस ससस ससससससस,
सससससससस, ससससससससससस ससस, सससस, सससस, ससससससस, ससससससस सस ससस
सससस ससस ससससस सस सससस सससस ससस, ससस ससस ससससस सस ससससस
सससस ससस सससससस, ससस ससससससस सस ससस स ससस सससस ससस सससस
ससससस सससस, सससस सस ससससस सससस, ससस सससस सससस सससस, ससस ससस-
सससस सससससस सससस ससस सस सससससस सस ससस सससस ससस, सस ससस
ससससस ससस सस सससस सससससस ससससससस सससससस सस सससस
सससससससससस सससस ससस ससससससससस ससस, सस ससससस सससस, सससस, सससस,
सससससससससस सससस ससस ससस सस ससससस ससससस सस सससस सससस ससससस,
ससससस ससससस ससस-ससस सससस सस सससस सस सससससससससस सस सससस
सससस ससस ससससस सससससस, सससस ससससस सस ससस सससस सससससससस सस
सससससस ससससस ससस ¬ ससस सससस ससससस सस ससससस ससससस ससस ससस
ससससस सस ससससस सस सस सससस ससससससस ससस सस सससससससस ससससस,
ससससस ससस सससस ससससस सस सससससससस ससससस, ससससस, ससससस सस,
ससससस ससस सससस ससससस ससस ससससस ससस ससस ससससस ससस ससस
(सससससस) ससससस ससस सससस ससससस, ससससस ससस ससससससस, सस ससस
सससस सस ससससससस ससस सस ससस ससससस सस ससस ससससस ससस ससस सस
ससससस ससससस सस सससस सससस, सस सससस सससस सससससस सससस सस सससस
सससस ससससस सस ससससस ससस सस सससस ससस सस सस सससस ससससस सससस
ससस ससससस सससस सससससस सस ससस सससस सस सस सस सससससस सस ससस
सससस ससस ससससस सस ससससस सस ससस सस सस सस सस ससससस सस सससस
सस सससस ससससस ससससस ससस सससससससस सससस ससससस सस ससससस ससस,
ससस सस ससससस ससस सस ससससस सस, सससस सस सस सससससस ससससससस ससस
सस सससस सस ससस सस ससससस सससस ससस सस सससससस ससस ससस ससससस
सस सस सससस सस ससस सससससस सस ससस सससससससस ससस ससस सस सससस
ससस ससस ससससससस ससससससससस सस, सससस ससससस ससससससस सससससस
ससस ससस ससससस सस सससस सस ससस सससस सससससस सससस ससस सससस सस
सससस ससस, सससस सस सससस सस ससस, सससस सस ससस सससस ससससस ससस
ससससस सससस ससससस ससस, सससस सससस ससस ससस ससससस सस ससस ससस,
सससस ससससससस ससस सस सस ससस ससस, ससस सस ससस ससस, ससससस सस सस
ससस ससस सस ससस सस ससस ससस सस सस ससस सससस सससस सस सससस ससस,
सससस सस सससस ससस, सससस सस सससस ससस सससस ससससससस ससस सससस-
सससस सस सससस ससस ससससस सस ससस, ससससस सस सससस सस, ससस सससस
सससस ससससस सस ससस ससससस सस ससस सससस सस, ससस सस सससस ससस ससस
सस सससस ससस ससस ससससससस ससस ससस ससससस सस ससस सससस सस ससस
सस ससससस ससससस सससस-सससस ससस सस ससस ससस सस ससस ससससस सससस
सससस सससस सससस सस ससस सससस सससस, ससस सस ससस ससससस, सससस
ससससस, ससस सससससस ससस ससस सस सससससस ससस ससससस ससस ससस
सससससस सससस सससस ससस सससस ससस, सससस ससस, सससससससस सससस ससस
ससससस सससस ससस स ससस, सससस ससस ससससस ससस, ससससस ससस, ससससस
सससस ससस सस सस ससससस ससससस सससस ससस सस सस ससससससस सससस
ससस, सस ससससस सस सस सस सससस, सससस सससससस सससस ससससस सससस
सससस सस सससस सससससससस ससस सस सस ससससस ससस ससस ससस ससस सस
सस ससस ससस ससस ससससस सससस ससससस ससस ससस ससस सससस ससस सस
ससससस सस ससस ससससस ससस सससस सस सससससससससस
शिव के अष्टरूप
☆ज ☆
☆अशि☆
☆यजमान☆
☆सूयि☆
☆चिंद्रमा☆
☆आकाि☆
☆पृथ्वी☆
☆वायु☆
☆ वशवा की इन सेवाओं का लाभ लेते हुए हमें याद रखना चावहए वक सेवा भाव से वकया
कोई भी काया हमें कहीं न कहीं आिशां वत आिसंतुवष् दे ता है । वशवा ने अपनी सेवाओं की
रक्षा के वलए हलाहल वपया और नीलकंठ कहलाए क्ा इतना समपाण हम वशव अंशों में हैं ।
☆क्ों हम द्वे ष और बदले की भावना में एक दसरे को काट रहे हैं । क्ों नहीं हम उस परम
वपता परमेश्वर वशवा की तरह सेवा और दे ने की भावना सीखते।
ॐ वशवा ॐ
☆भगवान् वशव गुरु है ,वशव दे वता है और वशव ही समस्त प्रावणयों के एक माि वहतैषी एव
बन्धु है । वशव ही आिा है और वशव ही जीवनस्वरूप प्रवतवष्ठत है । वशव से वभन्न कुि दसरा
नहीं है । सभी ववद्याओं के ईश्वर, ववद्यातीिा भगवान् श्रीसाम्ब सदावशव और उनका पावन नाम सभी
कल्याणों को दे ने वाला और सभी अमंगलों को दर करनेवाला है । वजस प्रकार भगवान् का
नाम-रूप, लीला और धाम परम कल्याणकारक है । वैसे ही उनकी मधुर वाणी भी परम
कल्याणकारक है ।
☆ जीवों के आत्यंवतक कल्याण के वलए तिा लोकजीवन के उपसगामय सेवा दशान के वलए ही
वे सगुण साकार रूप में सशक्तिक अवभव्यि होते हैं और अपनी रहनी करनी से उदं त
जीवनचयाा की वसख दे ते हैं न केवल वशव की वशवमय वाणी, अवपतु उनकी चयाा भी सच्ची
वसख प्र दान करनेवाली है ।
☆उन्होंने न केवल अपनी वाणी से ही, अवपतु मौन व्याख्यान से, अपनी समावधभाषा से, अपनी
इं वगत चेष्ाओं से और अपने व्यवहार से सेवामय जीवन की वशक्षा प्र दान की है । उनके मौन
व्याख्यान में, उनकी समधी भाषा में, उनकी नृत्यमुद्रा में, उनके अनुग्रहमय शां त वशवस्वरूप में
और उनके ववभुवत धारण में उत्कृष् साधना पि का वनदे श समावहत है । जो भगवान् वशव के
जीवनदशान को, उनके वचन मंिों को, उनकी आज्ञा को, उनके परामशा को अपने जीवन में
उतार लेता है । सुचमुच वह सम दशान में प्रवतवष्ठत हो जाता है और वशवस्वरूप ही हो जाता है ।
जैसे भगवान् वशव अनादीवनधन है , वैसे ही उनका बोध भी अनावदवनधन है ।